अतीक अहमद हत्याकांड: शूटर्स की सजा और परिवारों का खौफ
14 अप्रैल 2023 की रात, प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल के बाहर एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड को दो साल बीत चुके हैं, लेकिन इसके मुख्य आरोपी—लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य—आज भी जेल में हैं। उनके परिवार डर के साए में जी रहे हैं। आखिर इस मामले की कानूनी स्थिति क्या है? क्या इन शूटर्स को फांसी होगी? आइए, इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं।
हत्याकांड की वो रात: क्या हुआ था?
15 अप्रैल 2023 को रात करीब 10:30 बजे अतीक अहमद और अशरफ को मेडिकल चेकअप के लिए कॉल्विन अस्पताल लाया गया। मीडिया ने उन्हें घेर लिया और सवालों की बौछार शुरू कर दी। इसी दौरान तीन युवक, जो पत्रकार बनकर आए थे, पुलिस की सुरक्षा को चकमा देकर आगे बढ़े। लवलेश तिवारी ने अतीक के सिर में दो गोलियां दागीं, जबकि अशरफ पर भी फायरिंग हुई। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
इस घटना ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। लेकिन अब, दो साल बाद, अतीक का खौफ खत्म हो चुका है। हालांकि, इस हत्याकांड के शूटर्स और उनके परिवारों की जिंदगी मुश्किलों में घिरी है।
शूटर्स की स्थिति: जेल में बंद, सजा का इंतजार
लवलेश, सनी और अरुण—तीनों शूटर्स इस वक्त अलग-अलग जेलों में बंद हैं। सनी सिंह को आगरा सेंट्रल जेल में रखा गया है, जबकि लवलेश और अरुण चित्रकूट जेल में हैं। पुलिस और जेल प्रशासन का कहना है कि तीनों जेल मैनुअल के हिसाब से रह रहे हैं। उनके परिवार समय-समय पर उनसे मिलने जाते हैं, लेकिन मुलाकातें सख्त निगरानी में होती हैं।
कानूनी जानकारों का मानना है कि इस अतीक अहमद हत्याकांड में शूटर्स को फांसी की सजा मिलने की संभावना सिर्फ 1% है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह हत्या कानून में “रेयर ऑफ द रेयरेस्ट” अपराध की श्रेणी में नहीं आती। अगर कोर्ट में यह साबित हो जाए कि हत्या किसी सुपारी या बड़े षड्यंत्र का हिस्सा थी, तभी फांसी की सजा संभव है।
शूटर्स के परिवार: धमकियों का डर
अतीक अहमद हत्याकांड के बाद शूटर्स के परिवारों की जिंदगी बदल गई है। तीनों परिवारों को धमकियां मिल रही हैं, और वे डर के माहौल में जी रहे हैं। आइए, एक-एक कर इनके हालात जानते हैं:
सनी सिंह का परिवार: हमीरपुर में ताने और धमकियां
सनी सिंह, जिसे पुलिस ने इस हत्याकांड का मास्टरमाइंड माना है, का परिवार हमीरपुर के कुरारा गांव में रहता है। सनी के भाई पिंटू बताते हैं, “अनजान नंबरों से फोन आते हैं। कोई कहता है कि मैं अतीक का भतीजा हूं, तुम्हें मार डालूंगा।” परिवार ने पुलिस से शिकायत की, लेकिन उन्हें अब तक कोई सुरक्षा नहीं मिली। सनी की मां कृष्णादेवी कहती हैं, “मरने से पहले मैं अपने बेटे को एक बार देखना चाहती हूं।”
लवलेश तिवारी का परिवार: बांदा में परेशानियां
लवलेश का परिवार बांदा के क्योटरा मोहल्ले में किराए के मकान में रहता है। उसके पिता यज्ञ कुमार बताते हैं, “लवलेश घटना से पहले तक घर पर था। अचानक गायब हो गया।” इस हत्याकांड के बाद यज्ञ की नौकरी छूट गई, और परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। लवलेश की मां आशा देवी कहती हैं, “हम सिर्फ उसे जेल में देख पाते हैं, बात नहीं कर पाते।”
अरुण मौर्य का परिवार: कासगंज में खामोशी
कासगंज के कातरवाड़ी गांव में रहने वाला अरुण का परिवार ज्यादा बोलने से बचता है। अरुण के पिता दीपक मौर्य गोलगप्पे का ठेला लगाते हैं, जबकि मां और छोटा भाई पानीपत में हैं। अरुण की बहन सपना ने पढ़ाई छोड़ दी है। गांववाले बताते हैं कि अरुण पर पहले से मारपीट और हथियार रखने के केस दर्ज थे।
कानूनी स्थिति: केस कहां तक पहुंचा?
अतीक अहमद हत्याकांड की जांच में पुलिस ने 14 जुलाई 2023 को 2056 पेज की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें गवाहों के बयान, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और CCTV फुटेज शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि इस हत्याकांड में कोई सुपारी या बड़ा षड्यंत्र नहीं था। तीनों शूटर्स ने खुद से यह कदम उठाया।
वकील मनोज कुमार दीक्षित कहते हैं, “शूटर्स जमानत के लिए अर्जी दे सकते हैं, लेकिन वे और उनके परिवार जेल से बाहर आने से डरते हैं।” वहीं, सरकारी वकील मृत्युंजय त्रिपाठी का कहना है कि केस अब सबूतों के चरण में है, और जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है।
क्या कहते हैं शूटर्स के वकील?
शूटर्स की ओर से वकील रत्नेश शुक्ला पैरवी कर रहे हैं। वे कहते हैं, “मुझे आज तक अपने मुवक्किलों से मिलने नहीं दिया गया। अगर मैं उनसे बात नहीं करूंगा, तो उनकी दलीलें कोर्ट में कैसे रखूंगा?” रत्नेश का दावा है कि शूटर्स को सिर्फ मोहरे की तरह इस्तेमाल किया गया। असली साजिशकर्ता कोई और हो सकता है।
समाज और पुलिस की नजर में हत्याकांड
दो साल पहले अतीक अहमद हत्याकांड ने लोगों में डर पैदा किया था, लेकिन आज अतीक का नाम सुनकर कोई नहीं घबराता। शूटर्स के परिवारों को छोड़कर, जो हर दिन धमकियों का सामना कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि परिवारों की शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है, लेकिन सुरक्षा देने में देरी हो रही है।
निष्कर्ष: आगे क्या होगा?
अतीक अहमद हत्याकांड अब अपने अंतिम चरण में है। कोर्ट जल्द ही इस मामले में फैसला सुना सकता है। लेकिन सवाल यह है कि क्या शूटर्स को सजा मिलने के बाद उनके परिवारों को राहत मिलेगी? या फिर धमकियों का सिलसिला जारी रहेगा? कानून अपना काम करेगा, लेकिन इस हत्याकांड ने कई परिवारों की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल दिया है।
सारांश (Summary)
- घटना: 15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या।
- आरोपी: लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य जेल में।
- परिवार की स्थिति: धमकियों से डरे हुए, सुरक्षा की मांग।
- कानूनी स्थिति: केस सबूतों के चरण में, फांसी की संभावना 1%।
- वकील का दावा: शूटर्स मोहरे, असली साजिशकर्ता कोई और।
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