Advertisement

परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ अभियान – भारत दर्शन यात्रा | नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र | New PaperDoll

परिंडे लगाओ परिंदे बचाओ अभियान - भारत दर्शन यात्रा | नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र

#परिंडेलगाओपरिंदेबचाओ #नवनिर्माणएवंपर्यावरणकेंद्र #भारतदर्शनयात्रा

पंछियों की प्यास बुझाने के लिए मानसरोवर में, परिंडे लगाओ, परिंदे बचाओ अभियान: भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में

जयपुर, 2025 — भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक चेतना को समर्पित संस्था भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र द्वारा एक अत्यंत सराहनीय और मानवतावादी पहल के अंतर्गत पंछियों के लिए पानी के परिंडे (पात्र) लगाने का भव्य आयोजन राजस्थान की राजधानी जयपुर के मानसरोवर क्षेत्र में संपन्न कर रहे है।

गर्मी के इन झुलसते दिनों में जब मनुष्य स्वयं भी तपती धूप और जल संकट से जूझ रहा है, ऐसे समय में भारत दर्शन यात्रा और नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में यह पहल बेजुबान पक्षियों के प्रति करुणा और सेवा का भाव दर्शाते हुए एक गहरी मानवीय संवेदना को उजागर करती है। यह आयोजन केवल एक सामाजिक उत्तरदायित्व नहीं, बल्कि सनातन भारतीय परंपरा की उस विचारधारा का जीवंत उदाहरण है, जिसमें “सर्वे सन्तु निरामयाः” और “वसुधैव कुटुम्बकम्” जैसे सिद्धांतों को व्यवहार में उतारा गया है।

🌿 आयोजन की विशेषताएँ:


मानवता और प्रकृति का संगम

भारत दर्शन यात्रा संस्था ने यह अनूठा आयोजन शुरू किया, जो न केवल पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए है, बल्कि इसके जरिए समाज में यह संदेश भी प्रसारित हो रहा है कि मानव और प्रकृति का संबंध परस्पर निर्भरता पर आधारित है, और जब हम प्रकृति का संरक्षण करते हैं, तो वह हमें जीवनदायिनी शक्ति के रूप में आशीर्वाद देती है, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता भी जाग रही है

स्थानीय सहभागिता

मानसरोवर क्षेत्र के निवासियों, बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने पूरे उत्साह के साथ इस अभियान में हिस्सा लिया, अपने घरों की छतों, बालकनियों और आसपास के पेड़ों पर परिंडे लगाने का संकल्प लिया, जिससे यह अभियान एक सामाजिक जनांदोलन का रूप ले रहा है, जो प्रकृति के प्रति सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक बन रहा है, और यह पहल अभी भी जारी है, जो और अधिक लोगों को प्रेरित कर रही है।

मिट्टी से बने परिंडे

पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, संस्था द्वारा मिट्टी से बने परिंडे का उपयोग किया गया, जिससे न केवल पक्षियों को स्वच्छ जल मिल सके, बल्कि प्लास्टिक जैसे पर्यावरणीय प्रदूषण के साधनों से बचा जा सके।

जल संरक्षण और संवेदनशीलता की शिक्षा

कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञ वक्ताओं ने जल संरक्षण, पर्यावरणीय संतुलन, जैव विविधता और विशेष रूप से पक्षियों के महत्व पर प्रकाश डाला। बच्चों और युवाओं को जल की प्रत्येक बूंद की कीमत समझाने के लिए प्रभावशाली संवाद एवं खेल-गतिविधियाँ आयोजित की गईं।

डिजिटल जागरूकता

संस्था की वेबसाइट bharatdarshanyatra.in और navparyavaran.com के माध्यम से इस मुहिम की जानकारी लोगों तक पहुँचाई गई। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी इस अभियान की झलकियाँ साझा की गईं, जिससे देशभर से लोग इस पहल से जुड़ सकें।

🕊️ पक्षियों के लिए क्यों ज़रूरी हैं परिंडे?

प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने और शहरीकरण के चलते अब पक्षियों को स्वच्छ जल प्राप्त करना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है। गर्मी के मौसम में जल की अनुपलब्धता के कारण असंख्य पक्षी हर वर्ष दम तोड़ देते हैं। परिंडे लगाकर हम उनके जीवन को बचाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। यह हमारी मानवीय और नैतिक जिम्मेदारी है कि हम इन नन्हे प्राणियों के लिए एक जल स्रोत उपलब्ध कराएँ।

🌼 भारत दर्शन यात्रा: सेवा, संस्कृति और संस्कारों की मिशाल

भारत दर्शन यात्रा एक विश्वसनीय और आत्मिक यात्रा संगठन है, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक विविधता को अनुभव करने का अवसर प्रदान करती है। यह यात्रा पर्यटकों को देश के प्रमुख तीर्थस्थलों, ऐतिहासिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य से जोड़ती है। भारत दर्शन यात्रा का आयोजन सुव्यवस्थित और किफायती पैकेज के साथ किया जाता है, जो यात्रियों को एक यादगार अनुभव देता है।

🌱 नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र: प्रकृति, पर्यावरण और सामाजिक चेतना का समर्पित संगम

नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र एक समर्पित सामाजिक और पर्यावरणीय संगठन है, जो आधुनिक भारत में हरित क्रांति, जैव विविधता संरक्षण, और मानवीय मूल्यों पर आधारित सामाजिक परिवर्तन के लिए सतत प्रयासरत है। यह संस्था न केवल पर्यावरण संरक्षण के कार्यों में अग्रणी है, बल्कि मानव सेवा, जागरूकता अभियान, और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय भूमिका निभा रही है।

🌟 आप भी इन संस्थाओं से जुड़ सकते हैं – सेवा और संवेदना का विस्तार करें

गर्मियों की तपती दोपहरी में जब पशु-पक्षी पानी की एक बूंद के लिए भटकते हैं, तब उनकी सहायता करना न केवल हमारी संवेदनशीलता का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की करुणामूलक परंपरा का जीवंत उदाहरण भी है। ऐसे नेक कार्यों में भागीदारी करने के लिए अब केवल सोचने की नहीं, जुड़ने और कार्य करने की आवश्यकता है।

🌱 परिंडे लगाओ – जीवन बचाओ अभियान में भागीदार बनें

आप भी अपने घर, छत, बालकनी, पार्क या गली-मोहल्ले में जल पात्र (परिंडे) लगाकर पक्षियों के लिए जीवनदायिनी व्यवस्था कर सकते हैं। यह एक छोटा-सा कदम, हजारों बेजुबानों के जीवन में राहत बन सकता है।

इन संस्थाओं से जुड़ें:

नव निर्माण एवं पर्यावरण केंद्र
यह संस्था पर्यावरण और सामाजिक क्षेत्र में वर्षों से समर्पित है। वृक्षारोपण, परिंडे वितरण, जन-जागरण और जैव विविधता संरक्षण इसके मुख्य कार्यक्षेत्र हैं।
🌐 वेबसाइट: www.navparyavaran.com/
📷 Instagram: nav_paryavaran1011
📘 Facebook: facebook.com/NavParayavaran
🔗 LinkedIn: linkedin.com/company/nav-parayavaran

भारत दर्शन यात्रा
यह संस्था न केवल धार्मिक एवं सांस्कृतिक यात्राओं का संचालन करती है, बल्कि समाजसेवा, पर्यावरण संरक्षण और मानवता के कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रही है।
🌐 वेबसाइट: www.bharatdarshanyatra.in
📷 Instagram: bharatdarshanpilgrims
📘 Facebook: facebook.com/Bharatdarshanpilgrim
🔗 LinkedIn: linkedin.com/company/bharatdarshanyatra

समापन विचार:

जब हम किसी प्यासे प्राणी को जल पिलाते हैं, तो वह केवल एक क्रिया नहीं होती, बल्कि एक आत्मिक अनुभव होता है। पंछियों के लिए पानी का पात्र रखना – यह छोटा-सा कदम हमारे भीतर की करुणा को जीवित करता है और समाज को एक नई दिशा देता है। भारत दर्शन यात्रा का यह प्रयास निश्चित ही आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बनेगा।

राजस्थान धूलभरी हवा: जोधपुर, बीकानेर, उदयपुर में पारा 3 डिग्री गिरा, 14 शहरों में राहत

वैभव सूर्यवंशी IPL डेब्यू: 14 साल की उम्र में पहली गेंद पर सिक्स, जयपुर में सीट विवाद

राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे गठबंधन: 19 साल बाद महाराष्ट्र के लिए एकजुट होने का संकेत 

लखनऊ सुपरजायंट्स vs राजस्थान रॉयल्स: IPL 2025 में 2 रन से लखनऊ की रोमांचक जीत 

काठमांडू में सेक्स वर्क में तेजी: 5 साल में दोगुनी हुई सेक्स वर्कर्स की संख्या

शुभांशु शुक्ला: पहले भारतीय के रूप में मई 2025 में ISS पर, एक्सिओम 4 मिशन की पूरी जानकारी

कोल्हापुर मर्डर केस 2017: मां की हत्या और बेटे की दरिंदगी की कहानी

कोल्हापुर मर्डर केस: बेटे ने मां का कलेजा निकालकर खाया, बिना गवाह सुलझी गुत्थी

राजस्थान चपरासी भर्ती 2025: 18.50 लाख से अधिक आवेदन, सितंबर में होगी परीक्षा

राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती 2025: 9617 पदों का नोटिफिकेशन, 28 अप्रैल से आवेदन शुरू


Latest Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *