भारत ने पाकिस्तान हाईकमीशन के अधिकारी को किया निष्कासित
बुधवार शाम को भारत सरकार ने पाकिस्तान हाईकमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया। यह 8 दिनों में दूसरी बार है जब किसी पाकिस्तानी अधिकारी को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित करके भारत से जाने को कहा गया है। इससे पहले 13 मई को भी एक अधिकारी को निष्कासित किया गया था।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह अधिकारी अपने पद के अनुरूप कार्य नहीं कर रहा था। सूत्रों की मानें तो निष्कासित अधिकारी पर भारत के विरुद्ध जासूसी जैसे गंभीर आरोप हैं। ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ किसी भी विदेशी राजनयिक को अवांछित घोषित करने की स्थिति होती है, जिसमें उसे तत्काल देश छोड़ने का निर्देश दिया जाता है। यह कूटनीतिक स्तर पर एक अत्यंत कड़ी कार्रवाई मानी जाती है।
भारत का पाकिस्तान पर आतंकवाद का आरोप
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मंच से भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने कहा कि पाकिस्तान आज भी जिहादी आतंकवाद का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान आतंकवाद को जन्म देता है और पालता है। वह स्वयं को आतंकवाद से पीड़ित के रूप में प्रस्तुत नहीं कर सकता।
अनुपमा सिंह ने यह भी कहा कि आतंकी हमलों के प्रायोजक और आयोजक सीधे पाकिस्तान की धरती से कार्य करते हैं। पाकिस्तान WHO जैसे वैश्विक मंचों का उपयोग झूठ फैलाने और पीड़ित होने का दिखावा करने के लिए करता है।
ऑपरेशन सिंदूर में महिला सैनिकों की भूमिका
BSF के DIG एस.एस. मंड ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान महिला जवानों ने भी पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा संभाला था। उन्होंने कहा कि महिला सैनिकों ने हर आदेश को पूरी ताकत से निभाया और बराबरी से भाग लिया। डीआईजी ने यह भी बताया कि 8 मई को पाकिस्तान की ओर से 45-50 आतंकियों का एक बड़ा समूह घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा था। लेकिन सतर्क BSF ने उन्हें समय रहते पकड़ लिया और भारी फायरिंग कर पीछे खदेड़ दिया। उन्होंने कहा, “सिर्फ डेढ़ घंटे में हमने उनके कई बंकर तबाह कर दिए और उनकी ताकत कमजोर कर दी।”
शहीद परिवारों के लिए नौकरी और पुनर्वास पैकेज
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पुंछ ब्रिगेड हेडक्वॉर्टर पहुंचकर सेना और BSF के जवानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने घोषणा की कि जिन परिवारों ने अपने सदस्य खोए हैं, उनके एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिया गया है और घायलों की स्थिति अब स्थिर है। सभी को प्रशासन की ओर से पूरा इलाज और सहायता प्रदान की जा रही है। एलजी सिन्हा ने यह भी कहा कि सीमावर्ती इलाकों में बंकरों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। जल्द ही नए बंकर निर्मित किए जाएंगे ताकि लोग सुरक्षित रह सकें।
BSF ने नाकाम की बड़ी घुसपैठ
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने जम्मू-कश्मीर के सांबा सेक्टर में घुसपैठ की एक बड़ी कोशिश को विफल कर दिया। पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों को भारतीय सीमा में प्रवेश कराने के लिए संघर्षविराम का उल्लंघन करके गोलाबारी की, लेकिन BSF ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। BSF ने जवाबी कार्रवाई में मोर्टार का प्रयोग किया, जिससे पाकिस्तान की अग्रिम चौकियां और लॉन्चिंग पैड नष्ट हो गए। इन मोर्टारों की सहायता से दुश्मन की गोलाबारी रोकी गई और आतंकियों को सीमा पार करने से पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया।
कोलकाता में सात ड्रोन दिखने से हड़कंप
कोलकाता में सोमवार देर रात अलग-अलग क्षेत्रों में 7 ड्रोन देखे गए। ये ड्रोन किसके थे और कहां से उड़ाए गए थे, इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिली है। कोलकाता पुलिस ने सभी थानों को अलर्ट जारी करके निगरानी टीमें तैनात कर दी हैं।
ड्रोन सर्वप्रथम महेशतला और बेहाला की दिशा से आते देखे गए। उसके बाद ये हेस्टिंग्स क्षेत्र में मंडराने लगे, जहां दूसरा हुगली पुल और सेना का ईस्टर्न कमांड मुख्यालय फोर्ट विलियम स्थित है। फिर ये ड्रोन मैदान, विक्टोरिया मेमोरियल, जवाहरलाल नेहरू रोड होते हुए पार्क सर्कस की ओर बढ़े। अन्य दो ड्रोन शहर के उत्तरी भाग में उड़ते देखे गए।
रक्षा मंत्री का आतंकवाद पर बयान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ में कहा कि भारत ने पिछले दिनों ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की और सफलतापूर्वक पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने एक कुशल चिकित्सक और सर्जन की भांति कार्य किया। उन्होंने कहा, “जैसे एक सर्जन, जहां रोग की जड़ विद्यमान होती है, वहां अपने उपकरणों का उपयोग करता है। वैसे ही भारतीय सेना ने अत्यधिक सटीकता के साथ आतंकवाद की जड़ों पर अपने हथियारों का प्रयोग किया।”
उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी ऑपरेशन सिंदूर की कहानी
उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सभी मान्यता प्राप्त मदरसों के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने का निर्णय लिया है। मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने बताया कि अब मदरसों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू करके बच्चों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि हमारे बच्चे ऑपरेशन सिंदूर की वीरता की कहानी जानें और समझें कि हमारे सैनिकों ने किस प्रकार साहस और रणनीति से यह मिशन पूरा किया।” इस कदम का उद्देश्य बच्चों में देशभक्ति और सेना के प्रति सम्मान की भावना को सुदृढ़ करना है।

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