पेट फूलने के साथ दर्द होते रहने का सबसे आम कारण आंतों में अत्यधिक गैस हो जाना है। अगर भोजन के बाद आपका पेट फूल जाता है, तो यह पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। पर अगर अक्सर ये दिक्कत बनी रहती है तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
खान-पान में गड़बड़ी के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। पेट फूलना (ब्लोटिंग) ऐसी ही एक आम समस्या है। ये स्थिति काफी असहज करने वाली हो सकती है। ब्लोटिंग के कारण पेट कड़ा या भरा हुआ रहता है और कई बार पेट में दर्द भी हो सकता है। कुछ स्थितियों में पेट फूला हुआ न भी हो, तो भी ऐसा महसूस हो सकता है।

पेट फूलना आमतौर पर पाचन संबंधी समस्या है, हालांकि कुछ स्थितियों में हार्मोन्स में असंतुलन और तनाव के कारण भी ये दिक्कत हो सकती है। जिन लोगों को अक्सर ब्लोटिंग की दिक्कत बनी रहती है उन्हें डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए, कई मामलों में ये गंभीर अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का भी लक्षण हो सकता है जिसका समय पर इलाज किया जाना जरूरी है।
पेट फूलने की समस्या के बारे में जानिए
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, पेट फूलने के साथ दर्द होते रहने का सबसे आम कारण आंतों में अत्यधिक गैस हो जाना है। अगर भोजन के बाद आपका पेट फूल जाता है, तो यह पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। इसके अलावा महिलाओं में मासिक धर्म चक्र के कारण भी अस्थायी सूजन की दिक्कत देखी जाती है। कभी-कभी पेट फूलना अधिक गंभीर चिकित्सा स्थिति का संकेत भी हो सकता है।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) से पीड़ित लोगों में यह दिक्कत अक्सर देखी जाती है। 75% तक महिलाओं को पीरियड्स से पहले और उसके दौरान पेट फूलने की समस्या होती है।

क्यों होती है ब्लोटिंग की दिक्कत?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, पेट फूलने के मुख्य कारण आमतौर पर खान-पान में होने वाली गड़बड़ी है।
अधिक गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे बीन्स, गोभी, ब्रोकली और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स के अधिक सेवन के कारण आपको ब्लोटिंग की दिक्कत होती है। जिन लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है, उन्हें दूध, पनीर या आइसक्रीम खाने के बाद पेट फूलने का एहसास हो सकता है। जल्दी-जल्दी खाना खाने, अत्यधिक तला-भुना भोजन करने या फिर खाने के बाद तुरंत आराम करने की आदत भी पेट फूलने की दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है।
कहीं ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत तो नहीं?
आमतौर पेट फूलने को ज्यादा गंभीर नहीं माना जाता है और ये सामान्य दवाओं और घरेलू उपायों से ठीक भी हो जाती है। हालांकि अगर आपको ये दिक्कत अक्सर बनी रहती है तो संभव है कि ये किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है।
पाचन क्रिया धीमी होना या कब्ज के कारण भोजन सही से नहीं पचता, जिससे गैस बनती है, इसके कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) के कारण अगर ये दिक्कत है तो इसका समय पर इलाज कराना बहुत जरूरी हो जाता है।
मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल बदलाव के कारण महिलाओं को पेट फूलना की दिक्कत हो सकती है।
थायरॉइड की समस्या (हाइपोथायरायडिज्म) से मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है, जिससे पाचन पर असर पड़ता है।
सीलिएक रोग, पाचन तंत्र में ट्यूमर और कुछ प्रकार के कैंसर के कारण भी ये दिक्कत बनी रह सकती है।
इस समस्या से कैसे बचाव किया जाए?
पेट फूलने की समस्या से बचे रहने के लिए खान-पान में सुधार बहुत जरूरी है। ऐसी चीजों का सेवन करें जिससे कम गैस बनती हो जैसे खीरा, केला, पपीता, दही आदि। इसके अलावा भोजन को धीरे-धीरे और चबाकर खाएं।
अगर आपको दूध और ग्लूटेन युक्त चीजों से दिक्कत होती है तो इसका सेवन न करें। प्रोबायोटिक्स वाली चीजें जैसे दही, छाछ हेल्दी गट बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं इससे पाचन ठीक रहता है और पेट फूलने का खतरा कम होता है। इसके साथ ज्यादा पानी पीना भी आपके पाचन के लिए जरूरी है। नियमित व्यायाम की मदद से भी पेट की दिक्कतों से बच सकते हैं।
यदि आपको लगातार पेट फूलने की दिक्कत बनी रहती है, खून की उल्टी या काले रंग का मल होता है या फिर पेट में अक्सर दर्द बना रहता है तो इसके कारणों को जानना और डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
डिसक्लेमर: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी सामान्य सूचना के उद्देश्य से दी गई है। यह केवल पाठकों की जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला इस जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता का दावा नहीं करता है और न ही इसके लिए किसी प्रकार की जिम्मेदारी लेता है। त्वचा से संबंधित किसी भी समस्या या उपचार के लिए कृपया किसी योग्य चिकित्सक या विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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