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धरती को बचाने वाले 5 अनोखे इनोवेशन्स: सोलर पेंट और शोर से बनेगी बिजली | New PaperDoll

धरती को बचाने वाले 5 अनोखे इनोवेशन्स: सोलर पेंट और शोर से बनेगी बिजली

धरती को बचाने वाले 5 अनोखे इनोवेशन्स: आपके कदमों से लेकर दीवारों तक बनेगी बिजली

वर्ल्ड अर्थ डे पर हमारी धरती ग्लोबल वॉर्मिंग और बढ़ती एनर्जी डिमांड से जूझ रही है। पर्यावरणविदों का मानना है कि धरती को बचाने के लिए एनर्जी की खपत कम करना जरूरी है। लेकिन, क्या हो अगर आपके रोजमर्रा के काम ही बिजली पैदा करें? जी हां, आपके कदम, शहर का शोर, और यहाँ तक कि आपके घर की दीवारें भी बिजली का स्रोत बन सकती हैं। आइए, जानते हैं धरती को बचाने वाले इनोवेशन्स के बारे में जो टेक्नोलॉजी की मदद से पर्यावरण को सुरक्षित रखने का रास्ता दिखाते हैं।


1. शहरों के शोर से बनेगी बिजली

शहरों का शोर अब सिर्फ परेशानी नहीं, बल्कि बिजली का स्रोत भी बन सकता है। शोर से बिजली बनाने के लिए वैज्ञानिक पीजोइलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह तकनीक प्रेशर से बिजली पैदा करती है।

  • कैसे काम करता है?
    क्वार्ट्ज क्रिस्टल्स और फ्लेक्सिबल पॉलीमर जैसे मटेरियल शोर को बिजली में बदलते हैं। उदाहरण के लिए, 100 डेसिबल की आवाज से 10-50 माइक्रोवाट/सेमी² बिजली बन सकती है।
  • कहां हो रहा है काम?
    • ऑस्ट्रेलिया: डीकिन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने नैनोफाइबर मेम्ब्रेन बनाई, जो 58 वोल्ट और 210.3 माइक्रोवाट बिजली पैदा करती है। इसने 32 LED लाइट्स को जलाया।
    • फिलीपींस: 11वीं के छात्रों ने S-लाइट डिवाइस बनाई, ट्रांजिशन जो शोर से पावर बैंक चार्ज करती है। इसे 2019 में सिल्वर अवॉर्ड मिला।
  • चुनौतियां:
    शोर की एनर्जी डेंसिटी कम होने के कारण अभी बड़े पैमाने पर बिजली बनाना मुश्किल है। लेकिन, छोटे डिवाइस जैसे सेंसर और LED के लिए यह तकनीक कारगर है।

ट्रांजिशन: ट्रांजिशन फिर भी, शोर से बिजली बनाना भविष्य में धरती को बचाने का एक शानदार तरीका हो सकता है। आइए, अगले इनोवेशन की बात करते हैं।


2. आपके कदमों से बनेगी बिजली

सोचिए, आप चल रहे हैं और आपके हर कदम से बिजली बन रही है! स्मार्ट टाइल्स इस सपने को हकीकत में बदल रही हैं। ये टाइल्स पीजोइलेक्ट्रिक तकनीक पर काम करती हैं और पैरों के दबाव से बिजली पैदा करती हैं।

  • कहां हो रहा है काम?
    • यूके: Pavegen कंपनी ने लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर स्मार्ट टाइल्स लगाईं। ये एक कदम से 7 वाट बिजली बनाती हैं और 10% डिस्प्ले लाइटिंग को पावर देती हैं। 2012 ओलंपिक में इन टाइल्स ने इतनी बिजली बनाई कि 10,000 फोन चार्ज हो सकते थे।
    • जापान: टोक्यो स्टेशन में 2006-2008 में स्मार्ट टाइल्स का प्रयोग हुआ, लेकिन कम बिजली (0.1 वाट/कदम) और महंगे रखरखाव के कारण यह सफल नहीं रहा।
  • क्यों है खास?
    ये टाइल्स 10 लाख कदमों तक टिकाऊ हैं और भीड़-भाड़ वाली जगहों जैसे स्टेशनों और मॉल्स के लिए बेस्ट हैं।

आपके कदम बिजली बनाएंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शहरों की गर्मी भी बिजली का खजाना बन सकती है?

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3. कंक्रीट की गर्मी से बनेगी बिजली

शहरों के कंक्रीट जंगल गर्मी पैदा करते हैं, जो ग्लोबल वॉर्मिंग को बढ़ाती है। लेकिन, अब थर्मोइलेक्ट्रिक जेनरेटर (TEG) इस गर्मी को बिजली में बदल रहे हैं।

  • कहां हो रहा है काम?
    • जापान: क्यूशू यूनिवर्सिटी ने 2024 में ऑर्गेनिक TEG बनाया, जो 1×1 मीटर पैनल से 10-20 वाट बिजली बनाता है।
    • भारत: IIT मंदी ने 2023 में TEG प्रोटोटाइप बनाया, जो ह्यूमन बॉडी की गर्मी से स्मार्ट वॉच और इयरबड चार्ज करता है।
  • क्यों जरूरी है?
    यह तकनीक गर्मी को बिजली में बदलकर पर्यावरण को ठंडा रखने में मदद करती है।

ट्रांजिशन: गर्मी से बिजली बनाना रोमांचक है, लेकिन क्या हो अगर आपके घर का पेंट ही बिजली बनाए?


4. सोलर पेंट: दीवारों से बिजली

सोलर पैनल्स तो पुरानी बात हो गई! अब सोलर पेंट आपके घर की दीवारों को बिजली बनाने की मशीन बना सकता है।

  • कैसे काम करता है?
    यह पेंट हवा की नमी को सोखता है, सूरज की रोशनी से हाइड्रोजन बनाता है, और फिर बिजली पैदा करता है।
  • कहां हो रहा है काम?
    • ऑस्ट्रेलिया: RMIT यूनिवर्सिटी ने 2017 में सोलर पेंट बनाया, जो सोलर पैनल्स से 40% सस्ता है।
  • फायदा:
    यह सस्ता और आसानी से लगाया जा सकता है, जिससे हर घर बिजली का पावरहाउस बन सकता है।

ट्रांजिशन: सोलर पेंट भविष्य है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारा कचरा भी बिजली बना सकता है?


5. ह्यूमन वेस्ट से बनेगी बिजली

भारत में हर साल 70 बिलियन लीटर सीवेज बनता है। अब माइक्रोबियल फ्यूल सेल्स (MFCs) की मदद से यह कचरा बिजली का खजाना बन सकता है।

  • कैसे काम करता है?
    बैक्टीरिया ऑर्गेनिक वेस्ट को तोड़कर बिजली बनाते हैं। 1 लीटर सीवेज से 0.3-0.5 वाट बिजली बनती है।
  • कहां हो रहा है काम?
    • अमेरिका: पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में 1 लाख लोगों के वेस्ट से 51 किलोवाट बिजली बनाने का प्लान है।
    • भारत: कई रिसर्च इंस्टीट्यूट्स MFC पर काम कर रहे हैं।
  • खास बात:
    यह तकनीक पानी को साफ भी करती है, जिससे प्रदूषण 70-90% कम होता है।

सारांश: धरती को बचाने वाले इनोवेशन्स

  • शोर से बिजली: शहरों का शोर LED और सेंसर के लिए बिजली बनाएगा।
  • स्मार्ट टाइल्स: आपके कदम बिजली का स्रोत बनेंगे।
  • कंक्रीट की गर्मी: TEG गर्मी को बिजली में बदलेगा।
  • सोलर पेंट: घर की दीवारें बिजली बनाएंगी।
  • ह्यूमन वेस्ट: कचरे से बिजली और साफ पानी।

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