डायर वुल्फ की वापसी: साइंस का कमाल
भाई, 13,000 साल पहले विलुप्त हो चुके डायर वुल्फ फिर से जिंदा हो गए हैं! अमेरिका की डलास बेस्ड कंपनी कोलोसल बायोसाइंसेज ने ये करिश्मा कर दिखाया। डायर वुल्फ की वापसी पुराने DNA और हाई-टेक जीन एडिटिंग से हुई है। कंपनी ने तीन शावक पैदा किए – दो नर और एक मादा।
72,000 साल पुराना DNA बना आधार
वैज्ञानिकों ने ओहियो से 13,000 साल पुराना दांत और इडाहो से 72,000 साल पुरानी खोपड़ी से DNA निकाला। फिर इनसे डायर वुल्फ का जीनोम तैयार किया। ग्रे वुल्फ, लोमड़ी और जैकाल के DNA से तुलना करके सफेद फर, घने बाल और मजबूत जबड़े जैसी खासियतें ढूंढीं। इसके बाद CRISPR तकनीक से ग्रे वुल्फ की कोशिकाओं में 20 बदलाव किए।
कुत्तों ने दिया जन्म
एडिटेड कोशिकाओं से भ्रूण बनाए गए और मिक्स ब्रीड हाउंड कुत्तों के गर्भ में डाले गए। फिर 1 अक्टूबर 2024 को दो नर शावक – रोमुलस और रेमुस – पैदा हुए। इसके बाद 30 जनवरी 2025 को मादा शावक खलीसी का जन्म हुआ। डायर वुल्फ की वापसी ने साइंस की दुनिया में तहलका मचा दिया है।
शावक सिर्फ प्रदर्शन के लिए
कंपनी का कहना है कि ये शावक बच्चे पैदा नहीं करेंगे। इन्हें 2,000 एकड़ के सीक्रेट इलाके में रखा गया है, जहाँ 10 फीट ऊंची बाड़, ड्रोन और कैमरे लगे हैं। ये जगह USDA से रजिस्टर्ड है। 6 महीने के नर शावकों का वजन 36 किलो हो गया है।
कोलोसल का मिशन
कोलोसल 2021 से मैमथ, डोडो और तस्मानियाई टाइगर को वापस लाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन डायर वुल्फ का प्रोजेक्ट गुप्त था। अब डायर वुल्फ की वापसी के साथ कंपनी ने इतिहास रच दिया। सवाल ये है कि क्या ये तकनीक भविष्य में और प्रजातियों को जिंदा कर पाएगी?
7. Summary (Short aur Point-wise)
- क्या हुआ: डायर वुल्फ की वापसी 72,000 साल पुराने DNA से।
- कैसे: CRISPR से ग्रे वुल्फ में 20 जेनेटिक बदलाव।
- शावक: रोमुलस, रेमुस (1 अक्टूबर 2024), खलीसी (30 जनवरी 2025)।
- वजन: 6 महीने में नर शावकों का 36 किलो।
- उद्देश्य: प्रदर्शन, बच्चे पैदा नहीं करेंगे।
- जगह: 2,000 एकड़ का सुरक्षित इलाका।
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