निर्वाचन सदन नई दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा। इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ जल्द ही आगे की चर्चा करेंगे।

अब मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में यह फैसला लिया गया। मतदाता पहचान पत्र के आधार कार्ड से जुड़ जाने से न सिर्फ फर्जी मतदाताओं की पहचान होगी, बल्कि भविष्य में फर्जी मतदान पर भी अंकुश लगाया जा सकेगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने निर्वाचन सदन नई दिल्ली में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ तथा चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञों के साथ बैठक की। करीब तीन घंटे तक चली बैठक में निर्णय लिया गया कि मतदाता पहचान पत्र को आधार से जोड़ने का काम संविधान के अनुच्छेद 326 के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा। सके लिए आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के पुराने निर्णयों का भी हवाला दिया है। कहा गया कि इस संबंध में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण और चुनाव आयोग जल्द ही तकनीकी विशेषज्ञों से परामर्श करेगा।
आयोग ने मतदाता पहचानद पत्र को आधार से जोड़ने पर सहमति देने के फैसले के बारे में कहा कि इसे संविधान सम्मत तरीके से पूरा किया जाएगा। बयान में कहा गया है कि निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सिविल संख्या 77/2023 में अपनी भावना व्यक्त की थी। संविधान के अनुच्छेद 326 के अंतर्गत जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 950 की धारा 23(4), 23(5) और 23(6) के प्रावधानों में भी ऐसी ही मंशा व्यक्त की गई है।
Sourced By amarujala
Leave a Reply