गंगा एक्सप्रेस-वे नाइट लैंडिंग ड्रिल: शाहजहांपुर में भारतीय वायुसेना की अनोखी पहल
शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश में 2 मई 2025 को गंगा एक्सप्रेस-वे पर भारतीय वायुसेना ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया। देश में पहली बार गंगा एक्सप्रेस-वे नाइट लैंडिंग ड्रिल का आयोजन हुआ, जिसमें राफेल, सुखोई, मिग-29 और जगुआर जैसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों ने हिस्सा लिया। यह ड्रिल न सिर्फ वायुसेना की ताकत दिखाती है, बल्कि आपात स्थिति में एक्सप्रेस-वे को रनवे के रूप में इस्तेमाल करने की क्षमता को भी प्रदर्शित करती है।
गंगा एक्सप्रेस-वे नाइट लैंडिंग ड्रिल की खासियत
गंगा एक्सप्रेस-वे पर 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है, जो वायुसेना की जरूरतों के हिसाब से डिज़ाइन की गई है। इस ड्रिल की कुछ खास बातें:
- लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन: मिग-29, राफेल, सुखोई और जगुआर जैसे विमानों ने रात में लैंडिंग और टच एंड गो ड्रिल की।
- सी-130जे सुपर हरक्यूलिस: इस परिवहन विमान ने दिन में टच एंड गो ड्रिल शुरू की और आसमान में शानदार करतब दिखाए।
- एएन-32 की लैंडिंग: तेज हवाओं के बावजूद एएन-32 ने लैंडिंग की, हालाँकि उसे आगे बढ़ने में दिक्कत हुई।
- हाई-टेक सुविधाएँ: हवाई पट्टी में हाई-इंटेंसिटी रनवे लाइट्स, ऑटोमेटेड ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम और 250+ सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
हाइलाइट: गंगा एक्सप्रेस-वे नाइट लैंडिंग ड्रिल देश का पहला ऐसा प्रयोग है, जहाँ दिन और रात दोनों समय लड़ाकू विमान एक्सप्रेस-वे पर उतर और उड़ान भर सकते हैं। यह भारत की रक्षा तैयारियों को मजबूत करता है।
दिन और रात की ड्रिल
2 मई 2025 को दोपहर 11:30 से 1:00 बजे तक 15 लड़ाकू विमानों ने टच एंड गो ड्रिल की। इसके बाद रात 9:00 बजे से गंगा एक्सप्रेस-वे नाइट लैंडिंग ड्रिल शुरू हुई, जो 10:00 बजे तक चली। अगले दिन, 3 मई को दिन में एयर शो हुआ, लेकिन नाइट ड्रिल नहीं हुई।
गंगा एक्सप्रेस-वे का महत्व
594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज तक बन रहा है। इसकी लागत 36,230 करोड़ रुपये है। इसकी खासियतें:
- 6-लेन का यह एक्सप्रेस-वे यूपी के 12 जिलों और 500+ गाँवों को जोड़ेगा।
- मेरठ से प्रयागराज की दूरी 600 किलोमीटर तक कम होगी, जिससे यात्रा समय 10-12 घंटे से घटकर 6-8 घंटे हो जाएगा।
- 79% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, और 2025 तक प्रोजेक्ट पूरा होने की उम्मीद है।
जनता का उत्साह और सुरक्षा
एयर शो के दौरान 1000+ पुलिसकर्मी तैनात थे। 500 से ज्यादा स्कूली बच्चे और स्थानीय लोग इस पल के गवाह बने। लोगों ने ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए। धूल भरी आंधी ने कुछ परेशानी पैदा की, लेकिन उत्साह कम नहीं हुआ।
रणनीतिक महत्व
पाकिस्तान के साथ तनाव के बीच गंगा एक्सप्रेस-वे नाइट लैंडिंग ड्रिल बेहद अहम है। यह हवाई पट्टी आपात स्थिति में रनवे का काम कर सकती है। यूपी के अन्य एक्सप्रेस-वे जैसे पूर्वांचल, आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस-वे पर भी ऐसी सुविधाएँ हैं।
निष्कर्ष
गंगा एक्सप्रेस-वे नाइट लैंडिंग ड्रिल भारतीय वायुसेना की ताकत और तकनीकी क्षमता का प्रतीक है। यह न सिर्फ रक्षा तैयारियों को मजबूत करता है, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति देगा। शाहजहांपुर की इस पहल ने देश को गर्व का एक और मौका दिया है।

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