जयपुर पुलिस ने एक फेक कॉल सेंटर का भंडाफोड़ कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये ठग ई-मित्र आईडी बनाने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे थे। आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए लोगों को जाल में फंसाकर उनसे मोटी रकम ऐंठी।
कैसे करते थे फ्रॉड?
आरोपी सोशल मीडिया और ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिए बेरोजगार युवाओं और छोटे व्यापारियों को टारगेट करते थे। वे ई-मित्र आईडी देने का झांसा देकर उनसे रजिस्ट्रेशन फीस और अन्य चार्जेस के नाम पर पैसे वसूलते थे। जब कोई ग्राहक पेमेंट कर देता, तो आरोपी या तो उसे फर्जी आईडी थमा देते या फिर संपर्क बंद कर देते।
पुलिस ने कैसे किया भंडाफोड़?
शिकायत मिलने के बाद साइबर क्राइम सेल और जयपुर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए इस फेक कॉल सेंटर की लोकेशन ट्रेस की। छापेमारी के दौरान पुलिस को कई फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप और सैकड़ों लोगों का डेटा मिला।
कितने लोग ठगी के शिकार हुए?
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि देशभर के सैकड़ों लोग इस ठगी का शिकार हो चुके हैं। पुलिस को अभी भी कई अन्य संदिग्धों की तलाश है, जो इस गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।
सावधानी कैसे बरतें?
- किसी भी ई-मित्र आईडी या सरकारी सेवा से जुड़ी जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करें।
- सोशल मीडिया या फोन कॉल पर मिले किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर न करें।
- अगर आपको संदेह हो तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत करें।
Leave a Reply