आगरा में शनिवार को करणी सेना का हंगामा उस समय सुर्खियों में आया, जब राणा सांगा जयंती के मौके पर हजारों कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। करणी सेना ने इसे ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ का नाम दिया। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात से आए करीब 80 हजार कार्यकर्ता आगरा के गढ़ी रामी में 50 बीघे के पंडाल में जुटे। अनुमान है कि यह संख्या 3 लाख तक पहुंच सकती है। इस दौरान करणी सेना का हंगामा तब और बढ़ गया, जब कार्यकर्ताओं ने पुलिस को घेर लिया और तलवारें व डंडे लहराए।
पुलिस से टकराव, तलवारें लहराईं
गढ़ी रामी में आयोजन स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात था। लेकिन जैसे ही पुलिसकर्मी वहां पहुंचे, करणी सेना के कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने पुलिस को घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी। कुछ कार्यकर्ताओं ने तलवारें और डंडे लहराए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति बिगड़ती देख पुलिस को आयोजन स्थल से हटना पड़ा। इस घटना ने करणी सेना का हंगामा को और चर्चा में ला दिया।
पुलिस ने पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। शहर में 500 जगहों पर बैरिकेडिंग की गई थी। सड़कों पर बड़े-बड़े पत्थर रखे गए थे, ताकि कोई अनहोनी न हो। 10 हजार पुलिस और पीएसी जवान तैनात किए गए थे। ड्रोन से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही थी।
सपा सांसद का घर बना छावनी
करणी सेना का हंगामा सपा सांसद रामजी लाल सुमन के घर की ओर बढ़ने की आशंका से और गहरा गया। सुमन ने राणा सांगा को लेकर दिए बयान के बाद से विवादों में हैं। उनके घर को पूरी तरह छावनी में बदल दिया गया है। घर के आसपास 1000 पुलिस जवान तैनात हैं, और एक किलोमीटर का इलाका सील कर दिया गया है। मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं, और सांसद ने अपनी निजी सुरक्षा के लिए 10 बाउंसर भी रखे हैं।
रामजी लाल सुमन ने इस तनाव के बीच अपनी बात रखते हुए एक शायरी सुनाई:
“मय पिलाकर आपका क्या जाएगा, जाएगा ईमान जिसका जाएगा।
कल दी उसने कत्ल की धमकी मुझे, मैंने कह दिया कि देखा जाएगा।”
अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला
इटावा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने करणी सेना का हंगामा को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ये करणी सेना-वेणा सब नकली है। ये सब बीजेपी के लोग हैं। अगर कोई हमारे रामजी लाल सुमन का अपमान करेगा, तो हम उनके साथ खड़े होंगे।” अखिलेश ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह इस तरह के विवादों को हवा देकर राजनीति कर रही है।
राणा सांगा पर बयान से शुरू हुआ विवाद
यह पूरा विवाद 21 मार्च को शुरू हुआ, जब सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में कहा था, “बीजेपी वाले कहते हैं कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। तो फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को भारत में इब्राहिम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। अगर मुसलमान बाबर की औलाद हैं, तो हिंदू राणा सांगा की औलाद हैं।”
इस बयान के बाद करणी सेना भड़क गई थी। संगठन ने सुमन के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन किए और उनके घर पर हमले की कोशिश भी की थी। अब राणा सांगा जयंती पर करणी सेना का हंगामा एक बार फिर चर्चा में है।
महिलाओं की भी भारी भागीदारी
करणी सेना का हंगामा सिर्फ पुरुषों तक सीमित नहीं रहा। इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं। कई कार्यकर्ता ट्रैक्टरों पर सवार होकर आयोजन स्थल पहुंचे, जिससे माहौल और जोशीला हो गया। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे अपनी सांस्कृतिक पहचान और गौरव की रक्षा के लिए यह प्रदर्शन कर रहे हैं।
पुलिस की चुनौती
आगरा पुलिस के लिए करणी सेना का हंगामा एक बड़ी चुनौती बन गया है। पुलिस ने पहले ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान देने वालों को चेतावनी दी थी। आयोजकों ने पुलिस को आश्वासन दिया था कि कोई हिंसा नहीं होगी, जिसके आधार पर उन्हें राणा सांगा जयंती के लिए अनुमति दी गई थी। लेकिन तलवारें लहराने और पुलिस से टकराव की घटना ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है।
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