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ममता बनर्जी संकट में: मुर्शिदाबाद दंगा, चैट लीक और अभिषेक से तकरार से TMC पर खतरा | New PaperDoll

ममता बनर्जी संकट में: मुर्शिदाबाद दंगा, चैट लीक और अभिषेक

ममता बनर्जी संकट में: दंगे, घोटाले और पार्टी में टकराव से TMC की राह मुश्किल

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए 2025 मुश्किलों भरा साल साबित हो रहा है। ममता बनर्जी संकट में घिरती दिख रही हैं, क्योंकि मुर्शिदाबाद दंगे, SSC घोटाले में 25 हजार शिक्षकों की नौकरी रद्द होना, सांसदों की आपसी लड़ाई और लीक चैट, और भतीजे अभिषेक बनर्जी से तकरार ने उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और सरकार को हिलाकर रख दिया है। क्या ममता 2026 के विधानसभा चुनाव में इस तूफान को पार कर पाएंगी? आइए समझते हैं।

1. मुर्शिदाबाद दंगा: ममता पर क्यों उठ रहे सवाल?

8 अप्रैल 2025 को मुर्शिदाबाद में वक्फ बोर्ड कानून के विरोध में प्रदर्शन हिंसक हो गया। भीड़ ने पुलिस की दो जीपों में आग लगा दी। 10 अप्रैल को फिर हिंसा भड़की, जिसमें गाड़ियां और दुकानें जला दी गईं। इस हिंसा में 3 लोगों की मौत हुई, जिसमें एक पिता-पुत्र को पीट-पीटकर और तीसरे को गोली लगने से मार डाला गया। दर्जनों लोग घायल हुए, और धुलियान से करीब 500 लोग मालदा के वैष्णवनगर में शरण लेने को मजबूर हुए।

  • ममता पर सवाल: सोशल मीडिया पर हिंसा की आशंका पहले से जताई जा रही थी, लेकिन पुलिस तैयार नहीं थी। ममता ने कहा, “वक्फ कानून केंद्र ने बनाया, जवाब वही दे। मैं इसे बंगाल में लागू नहीं होने दूंगी।” लेकिन विपक्ष ने इसे तुष्टीकरण की राजनीति का नतीजा बताया।
  • विपक्ष का हमला: BJP के सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि TMC की नीतियों ने कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी ममता को घेरते हुए कहा कि उनकी सरकार BJP को मुसलमानों को जिहादी कहने का मौका दे रही है।
  • BSF की रिपोर्ट: न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, BSF की खुफिया रिपोर्ट में बांग्लादेशी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन और अंसारुल्लाह बांग्ला को दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। ममता ने जवाब दिया, “बॉर्डर की जिम्मेदारी केंद्र की है।”

2. TMC में अंदरूनी टकराव: सांसदों की चैट लीक

TMC सांसदों के बीच आपसी झगड़ा ममता बनर्जी संकट की दूसरी बड़ी वजह है। 4 अप्रैल 2025 को वोटर ID को आधार से जोड़ने के विरोध में TMC सांसदों ने चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा। इसमें 13 सांसदों के हस्ताक्षर थे, लेकिन महुआ मोइत्रा को साइन करने से रोका गया।

  • क्या हुआ?: महुआ ने कल्याण बनर्जी से बहस की, जो साइन लिस्ट के जिम्मेदार थे। कीर्ति आजाद ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन मामला बढ़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। कल्याण ने आरोप लगाया कि महुआ ने उन्हें गिरफ्तार करवाने की कोशिश की।
  • चैट लीक: ‘AITC MP 2024’ वॉट्सएप ग्रुप में कल्याण ने महुआ को “इंटरनेशनल लेडी” कहकर तंज कसा। कीर्ति आजाद ने कल्याण को “बच्चा” बताते हुए व्यस्क व्यवहार की सलाह दी। ये चैट 8 अप्रैल को BJP IT सेल के अमित मालवीय ने X पर लीक कर दी।
  • प्रेस कॉन्फ्रेंस में झगड़ा: विजय चौक में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सौगत रॉय ने महुआ को रोते देख कल्याण को फटकार लगाई और उन्हें चीफ व्हिप पद से हटाने की मांग की। कल्याण ने जवाब दिया, “अगर दीदी कहेंगी, मैं राजनीति छोड़ दूंगा, लेकिन महुआ की असभ्यता बर्दाश्त नहीं करूंगा।”

3. SSC घोटाला: 25 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में

ममता बनर्जी संकट की तीसरी वजह है SSC घोटाला। 2016 में पश्चिम बंगाल स्टाफ सर्विस कमीशन (WBSSC) ने 24,640 शिक्षक और गैर-शिक्षक पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित की। लेकिन जांच में कई गड़बड़ियां सामने आईं:

  • OMR शीट्स में छेड़छाड़।
  • फर्जी मेरिट लिस्ट, जिसमें कम अंक वालों को प्राथमिकता।
  • बिना मेरिट या वेटिंग लिस्ट में शामिल लोगों की नियुक्ति।
  • खाली आंसर शीट वालों को नौकरी।
  • रिश्वत लेकर नियुक्तियां।
  • कानूनी कार्रवाई: CBI ने मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायत दर्ज की। ED ने 23 जुलाई 2022 को तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया।
  • कोर्ट का फैसला: 22 अप्रैल 2024 को कलकत्ता हाईकोर्ट ने 25,753 नियुक्तियों को रद्द कर दिया। 3 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को बरकरार रखा।
  • ममता का रुख: ममता ने इसे CPI(M) और BJP की साजिश बताया और फैसले को “अमानवीय” करार दिया। शिक्षकों ने OMR शीट्स सार्वजनिक करने की मांग को लेकर सड़कों पर प्रदर्शन किया।

4. ममता बनर्जी बनाम अभिषेक बनर्जी: कोल्ड वॉर?

ममता और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच तनाव की खबरें ममता बनर्जी संकट को और गहरा रही हैं। इसे “प्रबीन बनाम नबीन” की लड़ाई कहा जा रहा है, जहां ममता के पुराने नेता (ओल्ड गार्ड्स) और अभिषेक के युवा समर्थक (यंग टर्क) आमने-सामने हैं।

  • नबन्ना मीटिंग: 2 जनवरी 2025 को ममता ने परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को फटकार लगाई। दोनों अभिषेक के करीबी हैं।
  • नए साल का विवाद: कुछ सीनियर नेताओं ने RGJ रेप केस में सरकार का विरोध करने वाले कलाकारों का बहिष्कार करने को कहा, जिसे अभिषेक ने खारिज किया। बाद में परफॉर्मेंस रद्द हुई।
  • अभिषेक का बयान: फरवरी 2025 में अभिषेक के BJP में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, “मैं TMC का वफादार सिपाही हूं, ममता मेरी नेता हैं।”
  • रिटायरमेंट पर मतभेद: अभिषेक ने नेताओं के लिए रिटायरमेंट की उम्र तय करने की वकालत की, जबकि ममता ने सीनियर नेताओं के सम्मान की बात कही।

5. ममता के सामने और क्या चुनौतियां?

  • जनता में असंतोष: RGJ रेप केस और SSC घोटाले के बाद जनता, खासकर मध्यम वर्ग, में नाराजगी बढ़ रही है। शिक्षकों के प्रदर्शन को जनता का समर्थन मिल रहा है।
  • विपक्ष का दबाव: BJP और कांग्रेस ममता की तुष्टीकरण नीतियों पर हमलावर हैं। सुवेंदु अधिकारी और अधीर रंजन चौधरी ने सरकार की नाकामी को उजागर किया।
  • पार्टी की छवि: सांसदों की सार्वजनिक लड़ाई और चैट लीक ने TMC की एकजुट छवि को धक्का पहुंचाया।

6. क्या ममता 2026 का तूफान पार कर पाएंगी?

ममता बनर्जी संकट ने उनकी पार्टी और सरकार को कमजोर किया है। विशेषज्ञों का कहना है:

  • सुरजीत सी मुखोपाध्याय: ममता और अभिषेक का झगड़ा TMC की छवि सुधारने और असंतोष को नियंत्रित करने की रणनीति हो सकती है। लेकिन यह उल्टा पड़ रहा है।
  • मोनीदीपा बनर्जी: TMC की एकजुट छवि अब “मछली बाजार” जैसी हो गई है। ममता दिल्ली में पार्टी पर पकड़ खो रही हैं, जो 2026 में नुकसान पहुंचा सकता है।
  • सायंतन घोष: ममता का मध्यम वर्ग पर आधार कमजोर हो रहा है। जनता का असंतोष वोटों में बदल सकता है, और BJP इसका फायदा उठा सकती है।
  • जयंत भट्टाचार्य: ममता पहली बार अपनी पार्टी और सरकार को टूटने से बचाने के लिए जूझ रही हैं। 2011 में उन्होंने लेफ्ट के खिलाफ आरोपों के दम पर सत्ता हासिल की थी, अब विपक्ष उन पर वही हथियार इस्तेमाल कर रहा है।

निष्कर्ष

ममता बनर्जी संकट में हैं। मुर्शिदाबाद दंगा, SSC घोटाला, सांसदों की आपसी लड़ाई और अभिषेक बनर्जी से तनाव ने TMC की नींव हिला दी है। ममता की “मां, माटी, मानुष” की छवि पर सवाल उठ रहे हैं। अगले 12 महीने उनके लिए निर्णायक होंगे। क्या वे 2026 के विधानसभा चुनाव में BJP और जनता के असंतोष को रोक पाएंगी, या पश्चिम बंगाल में सत्ता फिसल जाएगी? यह समय बताएगा।

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