पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए। जवाब में पाकिस्तान ने पाकिस्तान की परमाणु धमकी देना शुरू कर दिया। पाकिस्तानी रेलमंत्री हनीफ अब्बासी ने खुलेआम कहा कि उनके पास 130 परमाणु हथियार हैं, जो भारत को निशाना बनाने के लिए तैयार हैं। आइए, इस तनाव की पूरी कहानी और भारत के जवाब को समझते हैं।
“ये जो गोरी, शाहीन, गजनवी मिसाइलें हैं, ये हमने चौक पर सजाने के लिए नहीं रखीं। हमारे 130 परमाणु हथियार भारत के लिए हैं, और कोई नहीं जानता कि इन्हें हमने कहां-कहां छिपाया है।” – हनीफ अब्बासी, पाकिस्तानी रेलमंत्री
पाकिस्तान की परमाणु धमकी का कारण
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान गई। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया। जवाब में भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान में खलबली मच गई। पाकिस्तानी नेता, जिनमें डिप्टी पीएम इशाक डार और रेलमंत्री हनीफ अब्बासी शामिल हैं, ने पाकिस्तान की परमाणु धमकी देकर भारत को डराने की कोशिश की।
क्यों देता है पाकिस्तान धमकी? विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान अपनी आंतरिक कमजोरियों, जैसे आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता, से ध्यान हटाने के लिए परमाणु हथियारों की धमकी देता है। साथ ही, वह भारत की सैन्य ताकत से डरता है।
पाकिस्तान के परमाणु हथियार: कितनी हकीकत?
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार हैं। इनमें टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार भी शामिल हैं, जिन्हें युद्ध के मैदान में इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है। पाकिस्तान की मिसाइलें, जैसे गोरी, शाहीन और गजनवी, 300 से 2000 किलोमीटर तक मार कर सकती हैं।
हालांकि, पाकिस्तान का दावा कि उसके 130 परमाणु हथियार भारत पर निशाना साधे हैं, ज्यादातर प्रचार के लिए है। पाकिस्तान के पास परमाणु हथियारों को सटीक रूप से तैनात करने की तकनीक सीमित है, और उसका कमांड-कंट्रोल सिस्टम भी भारत जितना मजबूत नहीं है।
भारत की परमाणु ताकत और नीति
SIPRI की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 172 परमाणु हथियार हैं, जो पाकिस्तान से थोड़ा ज्यादा हैं। भारत की मिसाइलें, जैसे अग्नि-I (700 किमी), अग्नि-II (2000 किमी), और अग्नि-V (5000-7500 किमी), पाकिस्तान के किसी भी शहर को निशाना बना सकती हैं। भारत की परमाणु नीति ‘नो फर्स्ट यूज’ पर आधारित है, यानी भारत पहले परमाणु हमला नहीं करेगा। लेकिन अगर कोई देश भारत पर परमाणु हमला करता है, तो भारत का जवाब इतना जबरदस्त होगा कि हमलावर देश तबाह हो जाएगा।
भारत का न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन: भारत का कहना है कि अगर पाकिस्तान छोटा टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार भी इस्तेमाल करता है, तो भारत पूरे पाकिस्तान को नष्ट करने की ताकत रखता है।
भारत की जवाबी रणनीति
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सख्त कदम उठाए हैं। सरकार ने निम्नलिखित कदमों की शुरुआत की है:
- सैन्य तैयारी: भारत ने राफेल फाइटर जेट्स को युद्धाभ्यास में उतारा है और बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया है।
- कूटनीतिक कदम: भारत ने पाकिस्तानी डिप्लोमैट्स को ‘अनवांटेड पर्सन’ घोषित किया और अटारी बॉर्डर बंद कर दिया।
- आर्थिक दबाव: पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र बंद होने से भारतीय एयरलाइंस को नुकसान हुआ, लेकिन भारत ने जवाब में व्यापारिक प्रतिबंध लगाए।
- सर्वदलीय बैठक: पीएम मोदी ने सभी दलों की बैठक बुलाकर रणनीति पर चर्चा की। गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत ‘कोल्ड स्टार्ट डॉक्ट्रिन’ का इस्तेमाल कर सकता है, जिसमें तेज और सीमित सैन्य हमले किए जाते हैं, जो परमाणु युद्ध की स्थिति को टालते हैं। भारत साइबर वारफेयर और स्पेस टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल कर सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन
पहलगाम हमले की निंदा अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस और इजरायल ने की है। यहां तक कि चीन ने भी हमले को आतंकी घटना माना। भारत को वैश्विक समर्थन मिल रहा है, जिससे पाकिस्तान अलग-थलग पड़ रहा है।
पाकिस्तान की परमाणु धमकी का मकसद
पाकिस्तान की धमकियां उसकी बौखलाहट और डर को दर्शाती हैं। वह जानता है कि भारत की सैन्य ताकत उससे कई गुना ज्यादा है। 1965, 1971 और 1999 की जंग में पाकिस्तान को भारत ने हराया था। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक ने भी पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई थी।
आंतरिक दबाव: पाकिस्तान में आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता है। परमाणु धमकी देकर वह अपनी जनता का ध्यान बांटना चाहता है।
भारत का रुख
भारत ने साफ कर दिया है कि वह शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगा। पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” भारत की रणनीति बहुआयामी होगी, जिसमें सैन्य, कूटनीतिक, और आर्थिक कदम शामिल होंगे।
निष्कर्ष
पाकिस्तान की परमाणु धमकी उसकी कमजोरी और हताशा का प्रतीक है। भारत न केवल सैन्य रूप से बल्कि कूटनीतिक और आर्थिक रूप से भी पाकिस्तान से कहीं आगे है। भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति और मजबूत न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन पाकिस्तान को साफ संदेश देती है कि कोई भी दुस्साहस उसे भारी पड़ेगा। वैश्विक समर्थन के साथ भारत इस तनाव से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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