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राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर भर्ती पर लगाई रोक: 6000+ पदों पर नियुक्तियां स्थगित | New PaperDoll

राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर भर्ती पर लगाई रोक: 6000+ पदों पर नियुक्तियां स्थगित

राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर भर्ती पर लगाई रोक, 6000 से अधिक पदों पर नियुक्तियां स्थगित

जयपुर/जोधपुर, 13 मई 2025

राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर के 6000 से अधिक पदों पर नियुक्तियों को अस्थायी रूप से रोक दिया है। हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन बोर्ड और पशुपालन विभाग से चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। इस मामले की अगली सुनवाई 2 जुलाई को निर्धारित की गई है।

दस्तावेज सत्यापन जारी रहेगा, नियुक्तियां नहीं

न्यायालय के आदेशानुसार इस अवधि में दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया जारी रह सकती है, लेकिन किसी भी अभ्यर्थी को नियुक्ति नहीं दी जा सकेगी। हितेश पाटीदार और अन्य याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने यह महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है।

याचिकाकर्ताओं के तर्क

याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सारांश विज और हरेंद्र नील ने पैरवी की। उन्होंने तर्क दिया कि:

  • पशु परिचर भर्ती परीक्षा में गलत नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अपनाया गया
  • कट ऑफ मार्क जारी किए बिना ही सफल अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया
  • चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव था

भर्ती परीक्षा का विवरण

पशु परिचर भर्ती के लिए 6 अक्टूबर 2023 को विज्ञप्ति जारी की गई थी। इसमें:

  • कुल 17.53 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया
  • 10.52 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग लिया
  • परीक्षा 1 से 3 दिसंबर 2024 को तीन दिन में छह शिफ्ट में आयोजित की गई
  • प्रत्येक शिफ्ट का अलग-अलग प्रश्नपत्र था

नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला विवाद का मुख्य कारण

याचिकाकर्ता पहली और चौथी शिफ्ट के अभ्यर्थी हैं। इस वर्ष 3 अप्रैल को परिणाम घोषित किया गया था। छह शिफ्ट में आयोजित परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन पर विवाद मुख्य मुद्दा बना:

  • जेड फॉर्मूला का उपयोग किया गया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही अस्वीकार कर चुका है
  • उचित पी फॉर्मूला को अपनाया नहीं गया
  • पहली और चौथी शिफ्ट के किसी भी अभ्यर्थी का चयन नहीं हुआ
  • छठी शिफ्ट से 1268 अभ्यर्थियों का चयन हुआ
  • पहली शिफ्ट में कोई भी सामान्य या ओबीसी श्रेणी का अभ्यर्थी चयनित नहीं हुआ

शिफ्ट-वार चयन में असमानता

विभिन्न शिफ्ट से चयन के आंकड़े:

  • चौथी शिफ्ट से मात्र 6 प्रतिशत अभ्यर्थियों का चयन
  • छठी शिफ्ट से 33 प्रतिशत अभ्यर्थियों का चयन

पारदर्शिता का अभाव

याचिकाकर्ताओं के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी थी। कट ऑफ मार्क जारी किए बिना ही सफल अभ्यर्थियों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुला लिया गया, जबकि अन्य भर्तियों में पहले कट ऑफ जारी किए जाते हैं।

हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य की एक महत्वपूर्ण भर्ती प्रक्रिया पर अस्थायी रोक लग गई है। अभ्यर्थियों को अब 2 जुलाई तक इंतजार करना होगा, जब इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।

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