तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण: मुंबई हमले का दोषी भारत पहुंचा
नई दिल्ली, 10 अप्रैल 2025
पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर राणा को आखिरकार अमेरिका से भारत लाया गया है। वह 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का एक प्रमुख आरोपी है। गुरुवार को एक विशेष अमेरिकी विमान, गल्फस्ट्रीम G550, दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर उतरा। इसके बाद राणा को तुरंत नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) मुख्यालय ले जाया गया। NIA मुख्यालय के बाहर सुरक्षा बेहद सख्त कर दी गई है।
राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी वार्ड में रखने की तैयारी है। जेल प्रशासन ने इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं कर ली हैं। हालांकि, उसे किस वार्ड में रखा जाएगा, यह कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को NIA और रॉ (RAW) की संयुक्त टीम उसे लेकर अमेरिका से रवाना हुई थी।
कोर्ट में पेशी से पहले मेडिकल जांच
राणा को जल्द ही दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जा सकता है। उसकी पेशी से पहले उसका मेडिकल टेस्ट होगा। NIA ने एक बयान में कहा, “लंबे समय की मेहनत के बाद तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण सफल हुआ। 26/11 हमले के इस दोषी को सजा दिलाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।”
भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण समझौता
तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण भारत और अमेरिका के बीच हुए प्रत्यर्पण समझौते के तहत हुआ। राणा ने अमेरिका में अपनी सजा पूरी करने के बाद वहां कानूनी रास्ते अपनाकर भारत आने से बचने की कोशिश की थी। उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसमें पार्किंसन बीमारी का हवाला देते हुए भारत में प्रताड़ना का डर जताया था। लेकिन कोर्ट ने उसकी अपील खारिज कर दी।
इस प्रक्रिया में अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट, यूएस स्काई मार्शल, भारतीय खुफिया एजेंसियां और NSG ने मिलकर काम किया। भारत के गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने भी अमेरिकी अधिकारियों के साथ तालमेल बनाए रखा।
दिल्ली में हाई अलर्ट
राणा के भारत पहुंचने के बाद दिल्ली पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। पालम एयरपोर्ट पर SWAT कमांडो और सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स (CAPF) तैनात की गई हैं। स्थानीय पुलिस भी सुरक्षा में जुटी है। केंद्र सरकार ने इस मामले के लिए नरेंद्र मान को स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया है।
26/11 हमले की भयावह यादें
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई पर हमला किया था। चार दिन तक चले इस हमले में 175 लोग मारे गए थे, जिनमें 9 हमलावर भी शामिल थे। 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ताजमहल होटल सहित कई जगहों को निशाना बनाया गया था।
राणा और हेडली का कनेक्शन
तहव्वुर राणा 26/11 हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी दोस्त था। अमेरिकी जांच में साबित हुआ कि राणा ने हेडली को हमले की योजना बनाने में मदद की। उसने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और भारत आने के लिए वीजा हासिल करने में सहायता की। राणा पहले पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था और बाद में कनाडा में बस गया था।
पाकिस्तान ने बनाई दूरी
पाकिस्तान ने राणा से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि वह अब उनका नागरिक नहीं है। पाक विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि राणा पिछले 20 साल से कनाडा का नागरिक है और उसने अपने पाकिस्तानी दस्तावेज रिन्यू नहीं कराए।
अमेरिका में सजा और गिरफ्तारी
राणा को 2009 में FBI ने शिकागो से गिरफ्तार किया था। उसे लश्कर-ए-तैयबा को समर्थन देने के लिए 14 साल की सजा सुनाई गई थी। अब तक वह लॉस एंजिलिस के डिटेंशन सेंटर में था। भारत लाने के बाद उस पर मुकदमा चलाया जाएगा।
तहव्वुर राणा प्रत्यर्पण के साथ ही 26/11 हमले के पीड़ितों को इंसाफ की उम्मीद जगी है। यह भारत की कूटनीतिक और कानूनी जीत का भी प्रतीक है।
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