बिल का परिचय और समर्थन
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार, 2 अप्रैल 2025 को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) बिल 2024 पेश किया, जिसे उन्होंने ‘उम्मीद’ (यूनीफाइड वक्फ मैनेजमेंट इम्पावरमेंट, इफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट) नाम दिया है।
इस बिल का समर्थन केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टियों जैसे तेलुगु देशम पार्टी (TDP), जनता दल यूनाइटेड (JDU), और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) ने किया। हालांकि, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद अरविंद सावंत ने अपने भाषण में स्पष्ट नहीं किया कि वे बिल के पक्ष में हैं या विरोध में
गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने चर्चा के दौरान कहा कि वक्फ में गैर-मुस्लिमों का समावेश नहीं होगा और ऐसा कोई प्रावधान भी नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे वोट बैंक की राजनीति के लिए अल्पसंख्यकों को डराने का प्रयास कर रहे हैं। शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि कानून का अमल अधिसूचना जारी होने के बाद ही होगा
कांग्रेस सरकार के पूर्व निर्णय पर टिप्पणी
चर्चा के दौरान, किरेन रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने 5 मार्च 2014 को 123 प्रमुख संपत्तियों को दिल्ली वक्फ बोर्ड को ट्रांसफर कर दिया था,
जो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अल्पसंख्यक वोटों के लिए किया गया था, लेकिन चुनाव हार गए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि यह संशोधन बिल पेश नहीं किया गया होता, तो जिस इमारत में हम बैठे हैं, उस पर भी वक्फ संपत्ति होने का दावा किया जा सकता था

AIMPLB का विरोध
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा है कि यदि यह बिल संसद में पास होता है, तो वे इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि वे शांतिपूर्ण आंदोलन चलाएंगे।
बिल की पारदर्शिता पर जोर
अमित शाह ने यह भी कहा कि इस बिल से पारदर्शी ऑडिट होगा, बैलेंसशीट देखी जाएगी, और पारदर्शिता से क्यों बचना चाहिए। उन्होंने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे चाहते हैं कि उनके राज में जो मिलीभगत चली, वह चलती रहे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा
लालू प्रसाद यादव के बयान का जिक्र
शाह ने 2013 में लालू प्रसाद यादव के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने वक्फ संपत्तियों की हड़पने की बात कही थी और कड़ा कानून लाने की मांग की थी। शाह ने कहा कि लालूजी की इच्छा नरेंद्र मोदी सरकार ने पूरी की है
बिल पर चर्चा जारी है और विभिन्न पक्षों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सरकार का दावा है कि यह बिल वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता लाएगा, जबकि विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठन इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला मान रहे हैं
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